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बुधवार, 1 मई 2024

भोजपुर शिव मंदिर, रायसेन, मध्यप्रदेश

 भोजपुर शिव मंदिर को प्राचीन भारत मे पूर्व का सोमनाथ भी बुलाया जाता था। प्राचीन भारत में यह मंदिर अपनी ऊंचाई और विशाल शिव लिंग के पूजन के लिये सर्व प्रसिद्ध था। वर्तमान समय मे भी मंदिर में पूजा अर्चना जीवित मंदिर परंपरा के अंतर्गत की जाती है। इस समय मंदिर भारतीय पुरातत्व विभाग के अंदर संरक्षित है।

रविवार, 17 मार्च 2024

देवास टेकरी रक्तपीठ, देवास, मध्यप्रदेश

पौराणिक इतिहास:

माँ चामुंडा और माता तुलजा भवानी शक्तिपीठ की कथा माता सती की देह से बने 52 शक्तिपीठों से जुड़ी है। देवास की इस टेकरी पर माता के रक्त की वर्षा हुई थी। इसीलिये देवास के निवासी इसे रक्तपीठ भी कहते है। 


माँ चामुंडा

दूसरी कथा अनुसार माता चामुंडा और माँ तुलजा दोनों बहनों का निवास इस स्थान पर था। एक समय दोनों में किसी बात पर विवाद उतपन्न हुआ। छोटी माता तुलजा पर्वत को चीरते हुए ऊपर की ओर निकल पड़ी और माँ चामुंडा नीचे पाताल की तरफ निकल पड़ी। तभी भगवान भैरवनाथ और बजरंगबली ने चामुंडा माँ को स्थान छोड़के न जाने का निवेदन किया। इस निवेदन को माता ने स्वीकार कर टेकड़ी कभी न छोड़ने का आश्वासन दिया। 


  
माँ तुलजा भवानी


दोनों देवीयों का क्रोध शांत हुआ; तब बड़ी माता जो पाताल के अंदर आधी समा चुकी थी - रुक गयी। वहीं छोटी माता अपने स्थान से ऊपर की ओर जाने लगी।  इसी स्थिति में आज तक दोनों बहनें स्वयंभू रूप में विराजी हैं। माताएँ अपने जागृत रूप में विराजी हैं। माना जाता है कि जिन्हें संतान का सौभाग्य प्राप्त नहीं होता वे इस मंदिर में माँ के दरबार में आकर सच्चे मन से अगर कामना करें तो माता उनकी गोद भर देती है। 



सोमवार, 1 मई 2023

जमसावली मंदिर, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश

हनुमान भक्त इस चमत्कारिक मंदिर से यहां पर मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाके यहां से वह सिंदुर अपने साथ ले जाते है अपनी समस्या का निवारण करने।






मंदिर

श्री जमसावली हनुमान मंदिर से जुड़ी एक अत्यंत विशेष किंवदंती यह है। एक बार कुछ चोर लुटा हुआ खज़ाना (शायद एक सोने की सनकल) लेके मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति के निकट जो विशाल पीपल का पेड़ है, वहां अंदर गाड़ दिया । जिसे भगवान बजरंगी ने देख लिया । जब चोर वहां वह खज़ाना छोड़ चले गए , तब भगवान वहां निद्रा वाली मुद्रा में सो गए । तब से निद्रा वाली मूर्ति यहाँ स्थापित हो गयी ।

जमसावली मंदिर छिंदवाड़ा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बीच सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। मंदिर के चमत्कार जगजाहिर हैं। यह सौसर शहर से 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह महाराष्ट्र राज्य के बाहरी इलाके में स्थित है। अभयारण्य में भगवान हनुमान आराम कर रहे हैं, जो भारत में बेहद असामान्य है। मंदिर में साल के किसी भी समय जाया जा सकता है।
यदि आप नागपुर क्षेत्र में रहते हैं तो यह विशेष रूप से आपके निकट है। यह भी कहा जाता है कि बिना भगवान के बुलाए कोई भी हनुमान मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकता है। मंदिर में दो मुख्य मार्ग हैं। एक पुरुषों के लिए है, और दूसरा महिलाओं के लिए है। मास्टर हनुमान को इस संदर्भ में बाल ब्रम्हचारी कहा जाता है। मंदिर की संतता को बनाए रखने के लिए, महिलाओं को एक निर्धारित दूरी से भगवान को संबोधित करने की अनुमति है, लेकिन पुरुषों को मूर्ति के जितना संभव हो उतना करीब आने की अनुमति है। जाम सावली के हनुमानजी असंख्य आशीर्वाद देते हैं और आपकी झुंझलाहट का पता लगाते हैं, जिससे आपको सभी दर्द से राहत मिलती है। यह मंदिर विशेष रूप से अज्ञात बीमारियों से पीड़ित रोगियों को राहत देने और यहां तक कि इसकी ओझा शक्तियों के लिए भी प्रसिद्ध है। साथ ही यह मंदिर भूत-प्रेत और पिशाच बाधा अथवा तांत्रिक शक्तियों को खत्म करने के लिए मुख्यत जाना जाता है।  बजरँगबली की निद्रा में लीन मूर्ति और भी कष्टों को समाप्त करने के लिए जानी जाती है ।

श्री हनुमान जन्मोत्सव और श्री राम नवमी का वार्षिक उत्सव उच्च आत्माओं और आनंद से भरा होता है। पूरे भारत से भक्त शक्ति, ब्रह्मचर्य और भक्ति के भगवान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आते हैं।

कैसे पहुंचे : 
जमसावली मंदिर से सबसे निकटम रेलवे स्टेशन, छिंदवाड़ा छोटी लाइन रेलवे स्टेशन है ओ 60 किमी है। यह दूरी स्थानीय बस या टैक्सी द्वारा उपलब्ध रहती है । दुपहिया या चार पहिया वाहन से 1 घण्टे 30 मिनट का समय लेता है । दूसरा सबसे निकटम रेलवे स्टेशन है नागपुर रेलवे स्टेशन जो जमसावली 70 किमी डोर स्तिथ है और यह दूरी 2 घन्टे 15 मैं तय की जा सकती है, रोड द्वारा ।

।। जय श्री राम ।।

।। जय बजरंगबली ।।

🙏🕉️🌷🌿🚩🔱🙏

✒️ Swapnil. A


(नोट:- ब्लॉग में अधिकतर तस्वीरें गूगल से निकाली गई हैं।)


यमशिला का रहस्य

  भगवान जगन्नाथ की पृरी मंदिर सदियों से रहस्यों से भरा हुआ है। जगन्नाथ मंदिर को साक्षात वैकुंठ धाम भी कहा जाता है क्योंकि मंदिर में एक बार भ...