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रविवार, 21 अप्रैल 2024

शिव पुत्री मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार, उत्तराखंड

पौराणिक मान्यता:

माता मनसा को माँ पार्वती का ही रूप मन गया है। पुराणों और धार्मिक ग्रँथों के अनुसार माता मनसा के जन्म की कथा भिन्न-भिन्न है। अधिकतर कथाओं में माता मनसा को भगवान शिव की दूसरी पुत्री बताया गया है। उस कथा में उल्लेखहै कई महादेव का वीर्य सर्पों की माँ कद्रू को छूकर निकला था जिससे मनसा देवी का जन्म हुआ था। दूसरी कथा अनुसार माता मनसा की उत्तपत्ति कश्यप ऋषि के मस्तक से हुई थी। कद्रू कश्यप की पत्नी थी और मनसा देवी के गुरु भगवान महादेव थे। माता मनसा ने सैंकड़ो वर्ष तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया था। 


        


सतयुग में माता सती के शरीर का एक भाग बिलवा पहाड़ी पर गिरा था। यह केवल स्थानीय मान्यताओं में प्रचलित है। क्योंकि शास्त्र और पुराणों में ऐसा कोई विवरण स्पष्ट नहीं बताया गया है। एक अन्य कथा में बिलवा पहाड़ी को माता दुर्गा की महिषासुर मर्दन के बाद कि विश्राम स्थली माना गया है। 


बिलवा पहाड़ी


मनसा माता मंदिर:


 मनसा देवी मंदिर एक सिद्धपीठ है। यहां सारी मनोकामनाएं माता के आशीर्वाद और कृपा सो पूर्ण होती है। नागों के राजा वासुकी की बड़ी बहन माँ मनसा देवी है। यही नहीं माता सर्पों पर विराजमान है सो इस कारण सर्प दंश से बचने या सर्प द्वारा काटने पर माता की साधना की जाती है। 


माँ मनसा देवी


मनसा माता के विग्रह के चार मुख है। माता के नीचे माँ दुर्गा की सिंदूरी मूर्ति महिषासुर के वध की मुद्रा में विराजित है। गर्भ गृह चांदी और पीतल से बनाया गया है। बिलवा पहाड़ी पर माँ चामुंडा मंदिर भी है। इसी मंदिर में एक पेड़ पर मनोकामना पूर्ण करने के लिये भक्त धागा बांधते है। पूर्ण होने पर वापिस आकर इसे खोलते हैं। चैत्र और फाल्गुन नवरात्री में दूर-दूर से अनेक श्रद्धालु दर्शन करने पहुँचते है।



मनसा देवी मंदिर प्रातः 6 बजे संध्या 7:30 तक खुला रहता है। मंदिर तक पहुंचने के लिये सीढियां और सड़क मार्ग है। तथा केबल कार रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध है। इन सब माध्यमो से मंदिर तक आधे घण्टे के भीतर पहुँचा जा सकता है। सड़क मार्ग 1 किमी है। सीढ़ियों की दूरी 800 मीटर है। मंदिर पहाड़ी पर कुछ पूजा सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुओं की दुकानें और एक कैंटीन भी है।


मनसा देवी मंदिर

रोपवे

मनसा देवी मंदिर कैसे पहुँचे:


हरिद्वार रेलवे स्टेशन से बिलवा पहाड़ी की दूरी चार किमी है। मंदिर से सबसे निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है। देहरादून रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे की दूरी कुल दो घण्टे की है।


✒️ स्वप्निल. अ

शुक्रवार, 12 अप्रैल 2024

बाबा कीनाराम

 बाबा कीनाराम के चमत्कार 


"जो न दे राम वो दे बाबा कीनाराम"


 सनातन धर्म मे तंत्र के महानतम अवधूतों में से एक थे "अवधूत बाबा कीनाराम"। तंत्र के विषय मे बाबा कीनाराम का जीवन अनेकों अविश्वसनीय से या पौराणिक कथाओं जैसे लगने वाले कार्य लोकहित के के लिये किये थे। अघोरी शब्द सुनते ही जादू टोना, टोटका, श्मशान प्रेत आत्माएँ मानव खोपड़ी-कंकाल के दृश्य मन मस्तिष्क में घूमने लगते है। डर का साया और श्मशान में निवास करने वाले साधकों की छवि घूमने लगती है। मानव समाज में व्याप्त सांसारिकता और भौतिकवादी मानसिकता के कारण कुछ तांत्रिकों ने तंत्र और वाममार्ग साधना की एक अत्यंत वीभत्स और घृणित तस्वीर देश और दुनिया में स्थापित कर दी है। इसके विपरित तंत्र वह नहीं जो सामान्यतः माना जाता रहा है। अपने समय से भी आगे रहकर बाबा स्त्री सम्मान, व्यक्तिगत शुचिता और नशे से बचने की मुहिम जन-जन में जगाई थी। इन बातों से एक सच्चे धर्म परायण तांत्रिक की छवि बाबा ने बनाई थी। बाबा कीनाराम का अवतरण मानो तंत्र को नई दिशा देने के लिये हुआ था। 



योगमाया मंदिर,मेहरौली,दिल्ली

देश की राजधानी दिल्ली के दक्षिण में स्तिथ  माँ योगमाया का शक्तिपीठ मंदिर है। देवी योगमाया भगवान श्री कृष्ण की बड़ी बहन हैं। मेहरौली इलाके में...