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गुरुवार, 4 मई 2023

श्री गणेश टेकड़ी टेम्पल, नागपुर

इतिहास:

   गणेशटेकड़ी मंदिर कम से कम 250 साल पुराना माना जाता है। मंदिर समिति के सचिव श्री एस.बी. कुलकर्णी कहते हैं कि विग्रह (मूर्ति) एक स्वयंभू मूर्ति (लगभग 4 फीट) है, जिसका अर्थ है कि कोई प्राण प्रतिष्ठा संस्कार नहीं किया गया था क्योंकि इसे प्रतिष्ठित नहीं किया गया था। विग्रह को मूल रूप से बहुत छोटा कहा जाता था जब यह 1875 में ब्रिटिश भारत के दौरान रेलवे लाइन के निर्माण के लिए पहाड़ी की चट्टानों को नष्ट करने के बाद पाया गया था और तब से इसके आकार में वृद्धि हुई है।

                                   


मंदिर एक साधारण टिन झोंपड़ी के भीतर एक मूर्ति के साथ शुरू हुआ। 1970 के दशक में सेना ने इस संगठन को संभाला और विकसित किया, हालांकि 1978 में प्राथमिक संशोधन हुआ। मंदिर का निर्माण एक प्रमुख उपक्रम के रूप में किया गया था, और उपासकों ने उदारतापूर्वक इस कारण से योगदान दिया। 1984 में, वर्तमान ढांचे ने आकार लिया। दिवंगत श्री गणपतराव जोशी और कुछ अन्य भक्तों ने इसे किया। समय बीतने के साथ, यह स्पष्ट हो गया कि मंदिर परिसर तीर्थयात्रियों की विशाल संख्या को संभाल नहीं सकता था। मंदिर के न्यासियों ने रक्षा मंत्रालय को एक आवेदन दिया, तब रक्षा मंत्रालय ने अतिरिक्त 20,000 वर्ग फुट भूमि प्राप्त करने में सहायता की।


पुरानी दुर्लभ छवि



पुरानी इमारत


Ganesh Chaturthi day

वर्तमान मंदिर:

मूर्ति को माथे पर कई सोने और चांदी के आभूषणों से सजाया गया है। गहनों में मुकुट (मुकुट) नाम का एक विशेष टुकड़ा है जिसे केवल चतुर्थी और एकादशी के अवसर पर प्रदर्शित किया जाता है।

मंदिर का हाल ही के वर्षों में जीर्णोद्वार का कार्य पूर्ण हुआ है । पहले के मुकाबले, अब मंदिर में भक्तों की चहल-पहल और ज़्यादा बढ़ गयी है । श्री गणेश की मूर्ति मूर्ति के अलावा आप यहां भगवान शिव का लिंग, श्री राम परिवार, भगवान कालभैरव, श्री राधाकृष्ण की मूर्तियों के भे दर्शन कर सकते है ।

श्रीराधाकृष्ण

हर दिन, बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में आते हैं, विशेष रूप से महत्वपूर्ण त्योहारों और धार्मिक समारोहों में। हर साल पौष महीने में संकष्टी चतुर्थी के दिन एक बड़ी यात्रा निकाली जाती है जिसे टेकड़ी गणपति यात्रा के नाम से जाना जाता है। मंदिर की विशेषता आरती समारोह है, जो प्रतिदिन चार बार (सुबह 6.30 बजे, दोपहर 12.30 बजे, शाम 7. बजे, 11.30 बजे) किया जाता है और मोदक को दिव्य उपहार के रूप में आरती के बाद वितरित किया जाता है। मंदिर के ट्रस्टी टेकड़ी गणपति मंदिर का प्रबंधन करते हैं, जो सुबह 6 बजे खुलता है। 

श्रीराम दरबार

श्री बजरंगबली

संपूर्ण देश में मनाए जानेवाले गणेशोत्सव के दसों दिन मंदिर को बड़ी भव्यता से सजाया जाता है और मंदिर परिसर में मानो मेले जैसा माहौल बना होता है। गणेशोत्सव के नौवें दिन एक विशालकाय मोतीचूर के लड्डू का भोग भगवान को चढ़ाया जाता है और शाम के समय मंदिर आनेवाले भक्तों को वितरित किया जाता है । 

मंदिर में ठीक इसी समय भक्त अपने नए वाहन सबसे पहले मंदिर में पूजा करवाके शुभारंभ करते है।

श्री गणेश की स्वयम्भू मूर्ति की अलावा मंदिर के पूर्व(मुख्य) द्वार से दाईं तरफ शिव लिंग और शिव रूप भगवान कालभैरव विराजे हैं। वहीं दक्षिण दिशा में श्री कृष्ण और राधा रानी की सुंदर सफेद संगमरमर के विग्रह है। पश्चिम दिशा में भगवान श्री राम, लक्ष्मण माता सीता और बगल में श्री हनुमान जी के विग्रह है प्रतिष्ठित है। 

महालक्ष्मी मंदिर:



मंदिर के दाहिनी ओर एक माँ महालक्ष्मी मंदिर तीन मंजिला इमारत में स्थित है । मंदिर में महालक्ष्मी की भव्य मूर्ति है जिसे राजस्थानी कलाकारों द्वारा संगमरमर से बनाया गया था। यह नागपुर की चुनिंदा महालक्ष्मी मंदिरों में से एक है। मंदिर में मूर्ति समक्ष बहुत काफी मात्रा में जगह होने के कारण यहां भक्तगण यहां ध्यान लगाते है ।

दुनिया भर के कई प्रमुख लोग अपनी परियोजनाओं और साहसिक कार्यों को शुरू करने से पहले मंदिर में आए और पूजा की। यदि आप नागपुर की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो टेकडी मंदिर में वृघ्नहर्ता के आशीर्वाद के साथ अपने दिन की शुरुआत करने का प्रयास करें।

कैसे पहुंचे :

श्री गणेशटेकड़ी मंदिर मध्य नागपुर रेलवे स्टेशन के बिल्कुल समीप स्थित है और अन्य रेलवे स्टेशन जैसे अजनी और इतवारी रेलवे स्टेशन से 5 और  3 किमी की दूरी पर है जहाँ से आपको 10 से बीस मिनट का समय लगेगा टैक्सी, ऑटो रिक्शा या बस द्वारा ।

नागपुर के बाबासाहब अम्बेडकर एयरपोर्ट से तकरीबन 20 किमी की दूरी आपको नागपुर मेट्रो से लगबग आधा घण्टे में श्री गणेश टेकड़ी से सबसे निकटम मेट्रो स्टेशन आधा घण्टे में पहुंचा देती है ।

तो जयकारा लगाइए -

 "गणपति बप्पा मोरया" 

🙏🕉️🌿🌷🚩🔱

✒️ Swapnil. A


(नोट:- ब्लॉग में अधिकतर तस्वीरें गूगल से निकाली गई हैं।)


मंदिर के विषय मे और जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक करें:-





1 टिप्पणी:

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